कुछ है घायल... March 24, 2018 Hindi , दर्द शायरी ये क्या है, जो आँखों से रिसता है, कुछ है भीतर, जो यूँ ही दुखता है, कह सकता हूं, पर कहता भी नहीं, कुछ है घायल, जो यहाँ सिसकता है। Share with your friends