Hindi Shayari: दर्द शायरी
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Saturday, 24 March 2018

दर्द कम हुआ...

दर्द कम हुआ...

धीरे धीरे से अब तेरे प्यार का दर्द कम हुआ,
ना तेरे आने के खुशी ना तेरे जाने का गम हुआ,
जब लोग मुझसे पूछते हैं हमारे प्यार की दास्तान,
कह देता हूँ एक फसाना था जो अब खत्म हुआ।
बरबादी-की-तारीख...

बरबादी-की-तारीख...

आ गई फिर वही एक और
अशिक की बरबादी की तारीख।
यही दिन था वह जब दिल टूटा
और मोहब्बत क़त्ल सरेआम हुई थी।
दर्द की दीवार पर...

दर्द की दीवार पर...

दर्द की दीवार पर अपनी फरियाद लिखा करते है,
ऐ खुदा उन्हें खुश रखना जिन्हें हम प्यार किया करते हैं।

कुछ है घायल...

ये क्या है, जो आँखों से रिसता है,
कुछ है भीतर, जो यूँ ही दुखता है,
कह सकता हूं, पर कहता भी नहीं,
कुछ है घायल, जो यहाँ सिसकता है।

इन आँखों में पानी...

इन आँखों में पानी...

अपनी तो जिंदगी की अजब कहानी है,
जिसे हमने चाहा वही हमसे बेगानी है,
हँसता हूँ दोस्तों को हँसाने के लिए,
वरना इन आँखों में पानी ही पानी है।
दर्द ने करवट ली...

दर्द ने करवट ली...

दिल के तड़पने का कुछ तो सबब है आख़िर
या दर्द ने करवट ली है या तुमने इधर देखा है।
कुछ है घायल...

कुछ है घायल...

ये क्या है जो आँखों से रिसता है,
कुछ है भीतर जो यूं ही दुखता है,
कह सकता हूँ पर कहता भी नहीं,
कुछ है घायल जो यहाँ सिसकता है।

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