वो राम की खिचड़ी... March 25, 2018 Hindi , गरीबी पर शायरी वो राम की खिचड़ी भी खाता है, रहीम की खीर भी खाता है, वो भूखा है जनाब उसे, कहाँ मजहब समझ आता है। Share with your friends