वफ़ा में अब यह हुनर... March 25, 2018 Hindi , इंतज़ार शायरी वफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना है, वो सच कहें या ना कहें बस ऐतबार करना है, यह तुझको जागते रहने का शौक कबसे हो गया, मुझे तो खैर बस तेरा इंतज़ार करना है । Share with your friends