क़ीमत कम नहीं होती... - Hindi Shayari

Sunday, 25 March 2018

क़ीमत कम नहीं होती...

करो सोने के सौ टुकडे तो
क़ीमत कम नहीं होती
बुज़ुर्गों की दुआ लेने से
इज्ज़त कभी कम नहीं होती.

जरूरतमंद को कभी दहलीज
से ख़ाली ना लौटाओ,
भगवन के नाम पर देने से
दौलत कम नहीं होती.

पकाई जाती है रोटी जो
मेहनत के कमाई से,
हो जाए गर बासी तो भी
लज्ज़त कम नहीं होती.

याद करते है अपनी हर
मुसीबत में जिन्हें हम..
गुरु, प्रभु और माँ पिता के सामने
झुकने से गर्दन नीचे नहीं होती.

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