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तन्हाई शायरी
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Sunday, 25 March 2018
ना ढूंढ मेरा किरदार...
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में...
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते है ।
तेरे जल्वों ने मुझे...
तेरे जल्वों ने मुझे घेर लिया है ऐ दोस्त,
अब तो तन्हाई के लम्हे भी हसीं लगते हैं।
अब तो तन्हाई के लम्हे भी हसीं लगते हैं।
मेरी मोहब्बत है वो...
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही,
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही ।
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही ।
दिल की तन्हाई...
सौ बार चमन महका,
सौ बार बहार आई,
दुनिया की वही रौनक,
दिल की वही तन्हाई।
सौ बार बहार आई,
दुनिया की वही रौनक,
दिल की वही तन्हाई।
तनहा छोड़ जाते हो...
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दूसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो कि लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तन्हा छोड़ जाते हो तुम।
दूसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो कि लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तन्हा छोड़ जाते हो तुम।
ज़िन्दगी वो थी...
उस से बिछड़े तो मालूम हुआ
कि मौत भी कोई चीज़ है फ़राज़
ज़िन्दगी वो थी.......... जो हम
उसकी महफ़िल में गुज़ार आए ।
कि मौत भी कोई चीज़ है फ़राज़
ज़िन्दगी वो थी.......... जो हम
उसकी महफ़िल में गुज़ार आए ।
तन्हाई की बातें...
अजब से वो दिन थे अजब सी वो रातें,
तन्हाई में तन्हाई से तन्हाई की बातें।
तन्हाई में तन्हाई से तन्हाई की बातें।