चलो आज खामोश प्यार को...
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें,
इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने,
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें ।
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें,
इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने,
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें ।